आज यहा पे हम आपको वास्तू शास्त्र के बारे में बातायेगे,आज के युग मे ज्यादा लोग शायद वास्तू शास्त्र मानते नहीं होगे.लेकीन कुछ लोक एसे है भी वो आज भी वास्तूशास्त्र को मानते है और अपने घर मे बदलावं भी करते है.

में खुद १० साल से रिअल इस्टेट मे काम कर रहा हू मेरे पास बहुत सारे लोक आते है जो वास्तु की हिसाब से घर बनाना चाहते है. जीसमे २५ लाख से लेकर करोड के घर लेने वाले लोग है.
अभी तो वास्तुशास्त्र के बारे मे ज्यादा जानकारि के लिये अलग अलग कोर्सेस भी है.
वास्तुशास्त्र में हर एक दिशा का महत्त्व है. हर एक दिशा का अलग अलग कार्य है.

वास्तुशास्त्र आधुनिक युग में घर के निर्माण के समय बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है,माना जाता है की यदि वास्तुशास्त्र  के अनुसार घर बनाया जाये तो यह हमे  दुःख, दरिद्रता बीमारिया से दूर रखता है 




मुख्य दरवाजा -

    नया घर लेते समय मुख्य दरवाजा उत्तर या पुरब दिशा को होना जरूरी है. मतलब घर के बाहर निकलते समय सामने पुरब या उत्तर दिशा होनी चाहीये.

नया घर लेते समय रुम्स के दरवाजे दक्षिण, नैरुत्य और आग्नेय ईस दिशा के और नही होने चाहीये.

    घर के मुख्य दरवाजे पे सुके फुल,पान, तोरण निकलने चाहीये जीससे घर में शुभ ऊर्जा का प्रवेश होता है.

देवघर -

   देवघर रखने के लिए सही दिशा ईशान्य दिशा और पूर्व दिशा है, ये दो दिशा छोडके दूसरी कोनसी दिशा को आप देवघर नही रक सकते.   देवघर ये सीसम लकड़ी, सगवानी लकड़ी,का चाहिए. या संगमरमरी में भी चलेगा.

देवघर को प्लाईउड,रबर, प्लास्टिक, लोखड़ का वापर नही करना चाहिए.

बेडरूम

   बेडरूम की दिशा ईशान्य, उत्तर, या वायव्य को होनी चाहिए.

    बेडरूम में सुखी वैवाहिक जीवन के भी सुत्र छिपे होते है.पलग के सामने आयना नहीं होना चाहिए, अगर पलग के सामने आयन हो तो आप हमेशा परेशान रहोगे.


रसोईघर-

 

     रसोईघर की दिशा आग्नेय होनी चाहिए.अग्नि के सम्बन्धित सभी कार्य के लिए आग्नेय दिशा शुभ होती है.

टॉयलेट

 

     टॉयलेट की सही दिशा दक्षिण या दक्षिण पश्चिम होनी चाहिए.टॉयलेट कभी भी ईशान्य और पूर्व दिशा को नही होना चाहिए.

वास्तु के बारे कुछ महत्वपूर्ण टिप्स

    घरमें पानी का कलश ईशान्य दिशा को रखना चाहिए उससे घर में सुख समृद्धि आती है.

         सोते समय अपने पैर उत्तर दिशा को होने चाहिए. उससे आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आर्थिक, मानसिक,शाररिक प्रगती अच्छी होगी.

         घर के हॉल में भाग्योदय के लिए बांबू ट्री मतलब लकी ट्री रखे.

       कोनसा भी अच्छा काम करते समय आपना मुँह उत्तर या पूर्व दिशा को होना चाहिए उससे आपका काम समय में और बिना बाधा के पूरा होगा.

         बेडरूम में देवघर, या भगवान की मूर्ति, फ़ोटो नहीं होनी चाहिए.

     जहा पे आप पढ़ाये करते हे वह पे बंद घडी नहीं होनी चाहिए क्यूकी बंद पड़ी घडी नकारत्मक ऊर्जा निर्माण करते हे 

महाभारत का कोई भी चित्र घर में नहीं रखना चाहिए. क्यूकी इससे घर का कलह कभी ख़तम नहीं होता. 

  घर में पैसा टिका रहे इसके लिए :

·         अगर घर में मकड़ी कि जाली हुई  है तो जल्दीसे  उसे निकाल दो.

·         घर में अगर बंद घडी है तो उसे दुरुस्त कीजिए नहीं तो फेंक दीजिए .

·         अगर आपके घर के सामने तुलसि वृंदावन हे  और उसमेंसे तुलसी जल गई है तो उसे निकालके तुरंत नयी लगवाए 

·         अगर घर के दिवार पे फूटे हुए फ्रेम हे तो जल्दी से उसे ठीक करवाए नहीं तो उसे फेक दीजिए .

·         घर में शम के समय वादविवाद ना हो इसका ध्यान रखे,अगर आपके घर में शाम की समय झगड़ा या वादविवाद हो रहे है तो आपके घर में लक्ष्मी कभी नहीं आएगी 

·          जहा पे आप पैसे रखते हो उस जगह पे नीला रंगकी चीझे हटा दो ,





Student के लिए :

·         उत्तर दिशा में टॉयलेट ,स्टोर रूम और स्टेरकेस(सीडीनहीं होनी चाहिए.उससे घर में जो बच्चे है  उनका बौद्धिक विकास बहुत कम होता है .छात्र परीक्षा में कम मार्क से उत्तीर्ण होते है.

·         नीले रंग के प्लॉट्स में मनी प्लांट लगाके उत्तर बाजु में रखे

वास्तुशास्त्र में नमक का महत्त्व :

·         नमक के महत्त्व जैसे आपने खाने पिने में उसे भी ज्यादा महत्व वास्तुशास्त्र में है 

·         नमक को सिर्फ काच के डब्बे में रखना चाहिए 

·         घर के कोनसे भी कोने में कांच की बॉटल में नमक भरके रखे उससे सकारत्मक ऊर्जा घर में आती है। 

कछुआ

·         अगर आपके घर में वास्तुदोष है तो आप घर में कछुआ रख सकते हो 

·         घर में एक ही  कछुआ रखना चाहिए ,जोड़ी नहीं 

·         तांबे के बर्तन में पानी डालके उसमे कछुआ रख सकते हो 

·         कछुआ ईशान्य दिशा में रखना चाहिए .


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